ये हमारे हुक्मरान!
जब शक्ति प्राप्त करने की बात होती है तो लोग मूँछों पर ताव देते हुए, बल का प्रदर्शन करते हैं| दोनों हाथ जोड़कर नम्रता और विनय की मूर्ति बनते हैं| सुनहरे भविष्य के सपने दिखाते हैं| जीत के जश्न को पटाखे फोड़कर प्रकट करते हैं| कानून-नियम की तमाम बातें करते हैं| विरोधियों के काले कारनामों की सूची बनाते हैं| उनके अराजक साम्राज्य की तस्वीर बड़े करीने से गढ़ते हैं| जब सत्ता के गलियारे में वे पहुँच जाते हैं तो वे तमाम उन बातों को, जो वे अब तक करते रहे; जैसा कि ऊपर वर्णन किया गया है, पूरी तरह भूल जाते हैं| वो मूँछों का ताव और वो ढोल-धमाकों के शोर में नाचना; सब स्मृति से उड़न-छू हो जाता है| ...