इंसान है तू अगर तो आदमी के लिए लड़!
इंसान है तू अगर तो आदमी के लिए लड़,
जब तक है जिंदगानी, ज़िंदगी के लिए लड़,
माना निगल चुका है अन्धेरा कई सूरज;
जुगनू की तरह यार! रौशनी के लिए लड़|
[किसी कवि की अभिव्यक्ति]
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
-गणपत स्वरुप पाठक
Comments
पथ आलोकित है, आगे को बढ़ते जाओ।।
पगदण्डी है कहीं सरल तो कहीं विरल है,
लक्ष्य नही अब दूर, सामने ही मंजिल है,
जीवन के विज्ञानशास्त्र को पढ़ते जाओ।
पथ आलोकित है, आगे को बढ़ते जाओ।।
नीरज