माइम कथा : आइ विल नॉट टॉलरेट दिस! (मसूरी इंटरनैशनल स्कूल द्वारा आयोजित अंतर्विद्यालयी साँस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित)


 
मंच के दोनों ओर से अभिनेता मंच पर आते हैं| आमने-सामने से गुज़र जाते हैं| दायीं ओर से निकलकर, अपने काल्पनिक मित्र को दूर से हाथ हिलाकर अभिवादन करता है|

बाईं ओर से आनेवाला दाईं ओर पहुँचकर, अपना बैग उतारकर अपनी काल्पनिक डैस्क पर बैठता है|

बायीं ओर पहुँच चुका अभिनेता अपना थैला रखकर, कागज़ की गेंद बनाकर काल्पनिक मित्र को फेंकता है, और उसे संकेत करता है कि मैंने नहीं फेंका|

दाईं ओर वाला किताब निकालकर, मन लगाकर पढ़ रहा है|

बाईं ओर वाला फिर कागज़ की गेंद फेंकने के फिराक में खुद फिसलकर गिर जाता है|

इस पर पृष्ठभूमि से बच्चों के खिलखिलाने की आवाज़ गूँजती है|

स्कूल की घण्टी बजती है|

दाईं ओर वाला अपना बस्ता बाँधने लगता है|

इधर, बाईं ओर वाले को किसी अध्यापक ने देख लिया था, इसलिए उसे वे आकर थप्पड़ मारते हैं| थप्पड़ खाकर उदास, झुके कंधों से कक्षा के बाहर चल देता है|

उधर, दाईं ओर वाला, असावधानी के कारण डैस्क के पायदान से टकराकर गिरते-गिरते बचता है| फिर सीधे चलते-चलते काँच के दरवाज़े से अपना सिर “धड़” से टकरा लेता है| और जैसे-तैसे बाहर निकलता है|

दोनों आमने-सामने आकर अपनी धुन में चलने के कारण टकरा जाते हैं| फिर, एक-दूसरे को हँसकर, अपना ग़म भूलकर गले लगा लेते हैं|  और फिर खुश होकर मित्रता प्रकट करने के लिए हाथ मिलाते हैं| एक हाथ जोर से झटकने से दूसरा गुलाटी खाकर गिर जाता है| दूसरा उसे सामने न पाकर इधर-उधर देखता है| फिर अपने पीछे पाता है| फिर हँसकर चल देते हैं|

फिर दोनों ओर से दो लोग तैश में एक-दूसरे की ओर लपककर आते हैं| एक-दूसरे को चाँटे मारते हैं, फिर मज़ाक से दोनों हाथों की मुट्ठियाँ मिलाते हैं, फिर बैठ जाते हैं| एक जेब से ड्रग निकालता है, दूसरा कागज़ और लाइटर| फिर तैयार करके सिगरेट पीने की जुगत करते हैं कि एक पुलिस मुजरिमों को पकड़ने की टोह में आता है| साइरन बजता है|

पुलिस पहले व्यक्ति को पकड़कर उठाती है और एक तरफ़ खड़े होने को कहती है| फिर दूसरे को खींचकर उसकी तलाशी लेने को होती है, उतने में पहला भागने को होता है| पुलिस दूसरे को वहीं छोड़कर, पहले को पकड़ने भागती है, तब तक दूसरा भाग जाता है| पुलिस दूसरे को भागते देखकर हैरान हो जाती है|

फिर मंच के दाईं ओर से एक व्यक्ति स्कूटर पर सवार होकर उसे स्टार्ट करता है| फिर वह स्कूटर चलाता हुआ, बाईं मंच तक आता है| यहाँ रुककर, दूसरे व्यक्ति को ड्रग की पुड़िया देता है| फिर स्कूटर स्टार्ट करके बाईं मंच के भीतरी सिरे तक जाता है, वहाँ फिर ड्रग बाँटता है| दूसरा व्यक्ति दृग लेकर बाईं मंच के बाहरी सिरे से आड़ी रेखा में, छुप-छुपाते जाता है|

इस दौरान पुलिस गहन तलाशी अभियान पर शहर में (मंच के बाईं भीतरी सिरे से दाईं ओर घूमकर) चला रही है| 

स्कूटर वाला बाईं ओर मंच के भीतरी सिरे पर, स्कूटर खड़ा करके, आड़ी रेखा में दाईं ओर के बाहरी सिरे की ओर, चलते-चलते, चारों ओर नज़र रखते हुए, किसी को ड्रग बाँटने आता है| पुलिस तलाशी अभियान करते-करते मंच के केंद्र में आती है| अपराधी और पुलिस एक-दूसरे की ओर पीठ करके गोलाकार चलते हैं| पुलिस झटके से अपराधी को बाजू से पकड़कर, उसकी गर्दन दबोच लेती है|

अपराधी पकड़े जाने पर, बहाना करता है, कि वह बेकसूर है-जेब से रुपए निकालकर दिखाता है कि आप रख लीजिए| जबतक पुलिस रुपये की गड्डी देखकर हैरान होती है, तबतक वह अपनी गर्दन छुड़ाकर भाग जाता है|

अब, पहले वाले दोनों मित्र मंच के विपरीत किनारों से आते हैं| दूसरा मित्र पहले को देखकर खुश हो जाता है, अपने दोनों हाथ फैला देता है गले मिलने के लिए|

मगर, पहला मित्र, दूसरे के पीछे आ रहे अन्य मित्र को देखकर खुश हो रहा होता है| वह अपने दूसरे की अनदेखी करके अन्य मित्र से गले मिलता है, खुश होता है|

दूसरा अपने हाथों को खुला रखे, अपनी अनदेखी पर दुखी हो जाता है| फिर उनके कार्यकलाप देखता है|

अन्य मित्र को एक और मित्र जुड़ता है और ये मिलकर पहले को नशीली दवा सिगरेट में डालकर पिलाते हैं| पहला, पहले-पहल मना करता है| मगर बाकी दो उसे पिलाते हैं| एक बार खाँसी आती है| फोन रिंग बजती है| अन्य मित्र फोन पर बात करके जाता है| उसके पीछे बाकी दोनों चले जाते हैं| पहला अपनी सिगरेट वहीं रखकर चला जाता है|

दूसरा व्यक्ति ये अभिनय करके कि ये सिगरेट है, जिसके कारण बहुत से मित्र बन जाते हैं, आकर सिगरेट पीने लगता है|  कश लेने पर वह गिरकर तड़पने लगता है|

पुलिस आती है, और उसको सँभालती है| और उस मासूम की हालत देखकर बहुत आक्रोश में आ जाती है| उठकर गन का घोड़ा चढ़ाकर ‘ड्रगबाज़’ को निशाना बनाकर, (दर्शकों की ओर) गोली दाग देती है|

अन्य कलाकार मंच पर पोस्टर लेकर आते हैं|

पुलिस के पास में बाईं ओर के कलाकार के हाथ में पोस्टर में लिखा है- आइ विल|

मासूम मित्र के ठीक पीछे तीन कलाकारों के हाथ में रखे पोस्टरों पर क्रमश: लिखा है- नॉट, टॉलरेट, दिस (उँगली दिखाता हाथ)!!!

संगीत के साथ कथा सम्पन्न होती है|

-गणपत स्वरूप पाठक, हिन्दी अध्यापक



 

 

 

 

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